March 2, 2021

हमारा देश भारत

*आरसी प्रसाद सिंह जी की कविता*

हमारा देश भारत है नदी गोदावरी गंगा
लिखा भूगोल पर युग ने हमारा चित्र बहुरंगा
हमारी देश की माटी अनोखी मूर्ति वह गढ़ती
धरा क्या स्वर्ग से भी जो गगन सोपान पर चढ़ती
जहां का पानी हमें वह शक्ति देता है
भरत सा एक बालक भी पकड़ वनराज को लेता है
जहां हर सांस में फूले सुमन मन में महकते हैं
जहां ऋतुराज के पंछी मधुर स्वर में चहकते हैं

मलय की गंध की माती सरस हर सांस आती है
हमारी देश की धरती बनी अन्नपूर्णा सी
हमें अभिमान है इसका कि हम इस देश के वासी
जहां हर सीप में मोती जवाहर लाल पलता है
जहां हर खेत सोना कोयला हीरा उगलता है
सिकंदर विश्व विजयी की जहां तलवार टूटी थी
जहां चंगेज की खूनी रंगी तकदीर फूटी थी
वही वह देश है जिसकी सदा हम जय मनाते हैं
समर्पण प्राण करते हैं खुशी के गीत गाते हैं
उदय का फिर दिवस आया, अंधेरा दूर भागा है
इसी मधुरात में सोकर हमारा देश जागा है
नया इतिहास लिखता है हमारा देश तनमय हो
नए विज्ञान के युग में हमारे देश की जय हो
अखंडित एकता बोले हमारे देश की भाषा
हमारी से है हमें यह एक अभिलाषा

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